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बीते रात बिहार के कोसी क्षेत्र खासकर पूर्णियाँ में आए भयंकर आंधी तूफान से जान माल का बहुत नुकसान हुआ है। अपने एक मित्र द्वारा प्रेषित एक तस्वीर यहाँ साझा कर रहा हूँ। बिहार से बाहर हूं तो सोचा समाचार देख कर जानकारी ले ली जाए पर यहाँ तो #suicideatAaprally ही break in खबर बना हुआ है । 40 से ज्यादा लोगों की मौत कोई बड़ी खबर नही बनी दिल्ली में केंद्रित इन समाचार चैनलों के लिए। पहले बिन मौसम हुई बारिश ने गेहूं तो अब इस तूफ़ान ने बचे हुए मक्के की फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया है। कच्चे मकान तेज हवाओं में गायब हो चुके है और बरसों से पैर जमाए बड़े बड़े पेड़ों की जड़ें उखड़ चुकी है। शहर वासियों को बिजली जैसी सुविधाओं से कुछ दिन महरूम रहना पड़ेगा पर ग्रामीण क्षेत्रो में इस तबाही का असर कई दिनों या कहे कई महीनों तक बना रहेगा। राज्य के मुखिया श्री नितीश बाबू हालात का जायजा ले चुके है और मुआवजे की घोषणा भी हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों से गरीबों खासकर किसानो पर जो प्रकृति की मार पड़ रही है वह बहुत दुखद है।
चाय की दुकान पर इसी विषय पर चर्चा के दौरान गिरे हुए पेड़ की तस्वीर दिखा रहा था तो एक साहब ने टोक दिया के ऐसे ही झूट में संवेदना मत दिखाओ ,, कभी एक पेड़ भी लगाया है जीवन में ? अगर नहीं तो शुरुआत कर दो इससे पहले की प्रकृति के प्रकोप से कुछ न बचे।
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